सब जानत प्रभु प्रभुता सोई, तदपि कहे बिनु रहा न कोई !!
सीता राम चरित अति पावन, मधुर सरस अरु अति मनभावन !!
बस ईश्वर की कृपा से जो कुछ अपनी समझ में आया है उसी को आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ ... आपके रचनात्मक सहयोग की अपेक्षा है ....!!
सब जानत प्रभु प्रभुता सोई, तदपि कहे बिनु रहा न कोई !!
सीता राम चरित अति पावन, मधुर सरस अरु अति मनभावन !!